शिक्षा में सुधार के बिना विकास संभव नहीं: विजय किरन आनंद (जिलाधिकारी गोरखपुर)।


यह बातें डीएम विजय किरन आनंद ने कही। वह डायट के प्रेमचंद सभागार में एआरपी, एसआरजी एवं डायट मेंटर्स की मासिक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षकों को उत्प्रेरित करने की आवश्यकता है। उनके अंदर एक जुनून भरने व एक जिद पैदा करने की आवश्यकता है, जिससे वह जनपद को प्रेरक जनपद के रूप में स्थापित कर सकें।

मार्च तक यह सुनिश्चित करना होगा कि जनपद प्रथम प्रेरक जनपद बने। डीएम ने बीएसए कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए, जिससे शिक्षा से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण हो सके। उन्होंने प्रत्येक विकास खंड में शिक्षक संकुल की बैठक कराने एवं प्रत्येक को प्रेरणा लक्ष्य और प्रेरणा सूची का गहनता से अध्ययन करने को कहा। साथ ही चार्ट, वर्कशीट तथा मैथकीट के प्रशिक्षण भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रेरणा लक्ष्य की प्राप्ति में किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। एआरपी, एसआरजी एवं डायट मेंटर के लिए निर्धारित सपोर्टिव सुपरविजन पूर्ण किया जाए। होम विजिट, नामांकन, उपस्थिति, ड्रापआउट पर गंभीरता से कार्य किया जाए। हेड मास्टर स्कूलों में साप्ताहिक बैठक अवश्य करें एवं शिक्षण हेतु कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। विद्यालय खुलने के छह महीने तक समृद्ध माड्यूल से पढ़ाई हो ओर अगले सप्ताह में संकुल शिक्षकों की एक बैठक कराई जाए तथा इसमें मुख्यत: तीन बातें प्रेरणा, लक्ष्य प्रेरणा सूची, ¨पट्र रिच मैटेरियल एवं समृद्ध माड्यूल पर विशेष ध्यान दिया जाए। संचालन डायट प्राचार्य डा.भूपेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस दौरान बीएसए आरके सिंह, डीके सिंह, एसआरजी राजीव राय आदि मौजूद रहे।



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