प्रधानाध्यापिका निलंबित, तीन शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी गई:- शिक्षकों ने लगाए थे प्रधानाध्यापिका पर आरोप बीईओ ने की जांच

बीसलपुर। प्राथमिक विद्यालय चुर्रा सकतपुर के शिक्षकों ने सात दिन पहले स्कूल की प्रधानाध्यापिका पर आरोप लगाते हुए स्कूल में हो धरना प्रदर्शन किया था। मामला संज्ञान में आने के बाद बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकरी को जांच करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में प्रधानाध्यापिका और शिक्षकों की गलती पाई गई। इस पर प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने के बाद तीन शिक्षक की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है।

साथ ही दो शिक्षामित्रों और दो अनुदेशकों का एक दिन का मानदेय काटा गया है। बीसलपुर ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय चुर्रासकतपुर में तैनात प्रधानाध्यापिका माया गंगवार पर उनके स्कूल में पढ़ाने बाले सहायक अध्यापक मोहम्मद गुलफाम, मृदुला गंगवार, मुक्त शर्मा , शिक्षामित्र ललिता शर्मा, सुखजीत कौर और अनुदेशक राजीव कुमार और शीतल गंगवार ने आरोप लगाए थे। आरोप था कि वह स्कूल में शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करती हैं। कुछ दिन पूर्व बह स्कूल आईं और हाजिर लगाकर वापस चली गईं। स्कूल में उस दिन मिड डे मिल भी नहीं बन सका था। जब शिक्षकों ने इसका विरोध किया। तो नाराज हो गई। सप्ताह भर पहले प्रधानाध्यापिका के स्कूल में उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। इस मामले में बीएसए चंद्रकेश ने खंड शिक्षा अधिकारी नीरज शुक्ला को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। उन्होंने मामले की जांच इसकी रिपोर्ट बीएसए को सौंपी। बीएसए चंद्रकेश ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाध्यापिका मीरा गंगवार को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलबिंत कर दिया है। स्कूल में शिक्षण कार्य के दौरान धरना प्रदर्शन करने के मामले में तीन शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है। साथ ही अनुदेशक और शिक्षा मित्र का एक-एक दिन का मानदेय काटा गया है। अगर इस तरह से कोई हरकत आगे कभी की गई। तो उनके खिलाफ और कठोर कार्रवाई को जाएगी।


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